Attended by 3050 delegates representing 707 Seva NGO’s from 532 districts, Rashtriya Sewa Bharati organised 3-day Rashtriya Sewa Sangam 2015 concluded in New Delhi on 6th April 2015.
Saha - Sarakaryavah Dattatreya Hosabale addressed the valedictory.
Mata
Amrutanandamayi Devi, Wipro Chief Azim Premji, GMR Group Chairman
Grandhi Mallikarjun Rao, Industrialist Atul Gupta, RSS Sarasanghachalak
Mohan Bhagwat, RSS Sarakaryavah Suresh (Bhaiyyaji) Joshi, RSS
Sah-sarakaryavahs Dr Krishna Gopal, Suresh Soni, RSS Akhil Bharatiya
Seva Pramukh Suhas Hiremath, Sah Seva Pramukh Ajit Mahapatra, Rashtriya
Sewa Bharati President Surya Prakash Tonk, RSS national functionaries Dr
Manmohan Vaidya, J Nandakumar, Mukunda CR and several other top
functionaries attended this 3 day conclave of NGO’s from across the
nation.
Details of speech by Dattatreya Hosabale (In Hindi) is given below.
नईदिल्ली.
राष्ट्रीयस्वयंसेवकसंघकेसहसरकार्यवाहश्रीदत्तात्रेयहोसबलेनेराष्ट्रीयसेवाभारतीकेतत्वावधानमेंआयोजिततीनदिवसीयव्दितीयराष्ट्रीयसेवासंगमकोअव्दितीयबतातेहुएआशाव्यक्तकीकियहदेशमेंसेवाकीसुनामीलानेमेंसहायकहोगा.
समापनसत्रमेंश्रीहोसबलेनेदेशके 532 जिलोंसेयहांआये 3050 प्रतिनिधियोंकोसंबोधितकरतेहुएकहाकिइससंगममेंहुएविचार-विमर्शसेअगलेपांचवर्षतकइनपांचबिंदुओंपरध्यानकेन्द्रितकरनेमेंमददमिलेगी- सेवाकार्योंकीगतिबढ़ाना, सेवाकार्योंकीसंख्याबढ़ाना, सेवाकार्योंकेआयामोंमेंवृद्धि, गुणवत्तामेंअभिवृद्धितथाप्रभाव (इम्पैक्ट) मेंवृद्धि.
RSS Saha - Sarakaryavah Dattatreya Hosabale addressing
राष्ट्रीयसेवाभारतीसेजुड़े 707 गैरसरकारीसंगठनोंकेइनप्रतिनिधियोंकोश्रीहोसबलेनेअनेकसफलतादायकपरामर्शदिये. उन्होंनेव्यवस्थितढंगसेसेवाकार्यकरनेकास्वभावबनानेकाआग्रहकरतेहुएकहाकिदेशमेंशिक्षाऔरस्वास्थ्यकेक्षेत्रमेंजरूरतमंदलोगोंकेबीचएवंजलस्रोतोंकेशुद्धिकरणकेलियेपरिणामदायीकामकरनेकीबहुतआवश्यकताहै.
सहसरकार्यवाहनेयहभीआशाव्यक्तकीकिसेवाभारतीसेजुड़ेसंगठनोंकाकामकाजइतनेउत्कृष्टस्तरकाहोनाचाहियेजिससेयहसेवाकेक्षेत्रमेंमानकबनसके. इसकेलियेउन्होंनेसुझायाकिसेवाभारतीसेसम्बद्धसंगठनअन्यकार्योंकेअलावाएक-दोक्षेत्रमेंविशेषज्ञताहासिलकरें, सकारात्मकपरिवर्तनलानेकेलियेसुनिश्चितयोजनातैयारकरेंऔरदक्षताविकासकेलियेनिरंतरप्रशिक्षणकार्यक्रमचलायेंजिससेप्रत्यक्षकार्यक्षेत्रमेंआवश्यकविशिष्टज्ञानकेसाथहीसामूहिकता, परिश्रम, लगन, निरंतरता, समन्वयऔरआदर्शनेतृत्वकारीगुणोंकाविकासहोसके.
स्वामीविवेकानंदकीशिक्षाओंकास्मरणकरतेहुएउन्होंनेकहाकिहमेंपश्चिमीजगतसेआधुनिकज्ञानसीखनेमेंकोईसंकोचनहींकरनाचाहिये. साथही, भारतकोविश्वकेबीचश्रेष्ठस्थानपरप्रतिष्ठितकरनेकेप्रयत्नोंमेंभारतीयमूलकेविदेशोंमेंबसेलोगोंविशेषकरयुवकोंसेसहायतालीजासकतीहै. उन्होंनेइसबातपरप्रसन्नताव्यक्तकीकिउच्चशिक्षितयुवकोंमेंसेवाकाआकर्षणबढ़रहाहै. वेअच्छीनौकरियांछोड़करसेवाक्षेत्रमेंआरहेहैं.
श्रीहोसबलेनेप्रतिनिधियोंकोइसबातसेसावधानकियाकिसेवाकार्यमेंकिसीभीप्रकारकीअस्पृश्यताकाकोईविचारअपनेमनमेंनरखें. वेयहभीसदैवअपनेध्यानमेंरखेंकिसमाजकेसभीलोगोंकीदुर्बलतादूरकियेबिनासमर्थभारतनहींबनसकता. इसकेलियेउन्होंनेबिलियर्ड्सकेनौबारविश्वचैम्पियनरहेगीतसेठीकेआत्म-जीवनवृतकाउल्लेखकरतेहुएकहाकिसेवाकार्यआनंदकीअनुभूतिपानेकेलियेकरेंतोसफलताउनकेचरणचूमेगी.
श्रीहोसबलेनेसेवाकेमहत्वकोरेखांकितकरतेहुएकहाकियहजीवनकामंत्रहै. यहजड़-चेतनमेंव्याप्तईश्वरकीउपासनाकामाध्यमहै. यहकिसीकेउपकारकेलियेनहींहोती. वैसेकिसीभीक्षेत्रमेंकामकरनाभीसेवाहीहै. उन्होंनइसेवृहदआंदोलनकीकड़ीनिरूपितकरतेहुएकहाकिसुदृढ़औरसमर्थसमाजसेवाभारतीकाविज़नवमिशनहै. उन्होंनेस्वामीविवेकानंदकेकथनकोउद्धृतकरतेहुएकहाकिसेवाकेरूपमेंत्यागकीअभिव्यक्तिहोतीहै. विवेकानंदनेकहाथाकिजोदूसरोंकेलियेजीरहेहैं, वहीवास्तवमेंरहेहैं. जोसिर्फअपनेलियेजीरहेहैं, वेमृतप्राय: हैं. सेवास्वयंऔरदूसरोंकोनरसेनारायणबनानेकाउपायहै. सचमुच, यहदैवीभावजाग्रतकरनेमेंसमर्थहैऔरयहविभिन्नप्रकारकेऋणचुकानेकाभीमाध्यमहै.
इससेपूर्वराष्ट्रीयस्वयंसेवकसंघकेअ. भा. सेवाप्रमुखश्रीसुहासरावहिरेमठनेबतायाकिइससंगममेंदेशकेसभीराज्योंके 707 स्वयंसेवीसंगठनोंके 3050 प्रतिनिधियोंनेभागलिया, इनमें 2535 पुरुषऔर 515 महिलायेंशामिलहैं. कार्यक्रमकेप्रारम्भमेंदिल्लीसेवाभारतीकेअध्यक्षश्रीतरुणजीनेश्रीहोसबलेकास्वागतकिया. सबसेअंतमेंराष्ट्रीयसेवाभारतीकेराष्ट्रीयमहामंत्रीश्रीऋषिपालडडवालनेआभारव्यक्तकिया. मंचपरराष्ट्रीयसेवाभारतीकेध्यक्षश्रीसूर्यप्रकाशटोंकभीउपस्थितथे.